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Toggleहिंदी टाइपिंग टेस्ट के लिए मंगल फॉण्ट की अनिवार्यता
यदि आप कोई सरकारी जॉब अप्लाई करते है जिसमे कंप्यूटर टाइपिंग भी
मांगी गई है तो उसमे फॉर्म भरते समय लिखा होता है की टाइपिंग की परीक्षा देवनागरी, मंगल, यूनिकोड इनस्क्रिप्ट
कीबोर्ड पर होगी और परीक्षार्थी सोचने लग जाता है की आखिर यह कौन सी हिंदी टाइपिंग
है और इसकी अनिवार्यता क्यों है क्यों हमें मंगल हिंदी टाइपिंग का ज्ञान होना
चाहिए क्योकि हम तो हिंदी कृति देव फॉण्ट में भी टाइप कर सकते है फिर इसकी इतनी
डिमांड क्यों है।
तो आज की पोस्ट में हम इसी की चर्चा करेंगे क्यों मंगल टाइपिंग
सरकारी जॉब में मांगी जाती है और मंगल टाइपिंग के क्या फायदे है तो पूरी पोस्ट को
अंत तक जरूर पढ़े तथा पोस्ट पसंद आने पर सब्सक्राइब और कमेंट्स जरूर करे की पोस्ट
आपको कैसी लगी.
मंगल फॉण्ट क्या होता है
मंगल फॉन्ट एक यूनिकोड
फॉण्ट है। यदि आप मंगल फ़ॉन्ट में टाइप लैटर को कॉपी करते
हैं और मेल में पेस्ट करते हैं तो यह यूनिकोड के कारण अपने मूल रूप में आता है।
जबकि कृति देव फॉण्ट में टाइप लैटर अपने मूल रूप में दिखाई नहीं देता है.
मंगल फॉण्ट मुख्य रूप से हिंदी टाइपिंग के लिए
उपयोग किया जाता है। यह एक बहुत लोकप्रिय हिंदी फ़ॉन्ट है और इसे
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विंडोज यूजर-इंटरफेस में उपयोग के लिए विकसित किया गया है। इसे हम कंप्यूटर के लिए अपने इंडिया की हिंदी
देवनागरी भाषा भी कह सकते है.
हिंदी टाइपिंग टेस्ट के लिए मंगल फॉण्ट की
अनिवार्यता
इसका एकमात्र कारण यह है कि कृति देव तथा अन्य हिंदी फोंट्स लिगेसी फोंट्स होते हैं जो
वास्तविक हिंदी टाइपिंग प्रदान नहीं करते हैं बल्कि केवल अंग्रेजी को हिंदी के रूप में दिखाते हैं। और जहां ये फोंट्स नहीं हैं, वहां यह हिंदी में दिखने के बजाय अंग्रेजी में
बहुत अजीब सा दिखने लगता है।
उसकी सबसे बड़ी वजह है की हमारा कंप्यूटर कृति देव फॉण्ट
में टाइप sentence को तभी दिखायेगा जब वह फॉण्ट हमारे कंप्यूटर में उपस्थित होगा
तथा मंगल फॉण्ट न होकर हमारे इंडिया की कंप्यूटर लैंग्वेज है तथा हमारा कंप्यूटर
वर्ल्ड की सभी लैंग्वेज को सपोर्ट करता है जिसके कारण अगर हम कोई लैटर मंगल
लैंग्वेज में टाइप करते है तो हमारा कंप्यूटर उस लैंग्वेज को defualt रूप से
सपोर्ट करता है।
जिस कारण हमारा लैटर वैसे ही दिखाई देता है जैसे हमने टाइप किया
होता है इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है की हमारे सिस्टम में हिंदी फॉण्ट है या
नहीं. इसके आलावा आज सभी offices में कार्य इन्टरनेट के माध्यम से होता है और
इंडिया में सरकारी विभागों में लगभग सारा काम हिंदी भाषा में ही होता है और चूकी
मंगल इंडिया की कंप्यूटर की हिंदी भाषा है इसलिए मंगल टाइपिंग की डिमांड जयादा है.
कृति देव कीबोर्ड लेआउट
यूनिकोड (मंगल) टाइपिंग के लाभ
पहले के समय में विभागों में लैटर टाइपिंग का
कार्य टाइपराइटर की मदद से किया जाता था और इंग्लिश टाइपिंग के लिए टाइपराइटर अलग
तथा हिंदी टाइपिंग के लिए अलग टाइपराइटर होते थे लेकिन कंप्यूटर का विकास हो जाने
तथा लगभग सभी विभागों का कार्य ऑनलाइन हो जाने के कारण आज विभागों में हिंदी तथा
इंग्लिश का समस्त कार्य एक ही कंप्यूटर से किया जाने लगा और इस तरह की समस्या से
बचने के लिए, एक तरीका विकसित किया गया है।
ताकि हिंदी में टाइप
किया गया लैटर हिंदी में ही दिखाई दे, भले ही कंप्यूटर में कोई हिंदी फॉन्ट हो या न हो। इस विधि को हिंदी यूनिकोड टाइपिंग विधि कहा जाता
है। और यह हिंदी यूनिकोड का ही कमाल है कि आप इस
पोस्ट को पढ़ पा रहे हैं। अगर यह पोस्ट कृतिदेव जैसे फॉन्ट में टाइप की
जाती, तो मैं खुद भी इसे ऑनलाइन नहीं पढ़ पाता।
यह भी जाने
मंगल और कृति देव टाइपिंग में क्या अंतर है
अंत में
आशा है की पूरी पोस्ट को पढने के बाद आपको
जानकारी मिल गई होगी की हिंदी टाइपिंग टेस्ट के लिए मंगल फॉण्ट क्यों अनिवार्य है.
अगर इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो हमें कमेंट्स कर पूछ सकते है जल्द ही हमारी टीम आपके सवालो का जवाब आप को देगी.