प्रत्येक व्यवसायी अपने व्यवसाय
के लिए लेखांकन का कार्य करता है। बिना लेखांकन के कार्य करना मतलब अंधेरे में तीर
चलाने से कम नहीं है। क्योंकि लेखांकन (एकाउंटिंग) के द्वारा व्यवसायी अपने
व्यवसाय के लाभ और हानि तथा आर्थिक स्थिति को आसानी से ज्ञात कर सकता है।
किसी भी व्यवसाय के लिए लेखांकन (एकाउंटिंग) कितना महत्वपूर्ण होता
है। य़ह बात हम आज की इस पोस्ट मे जानेगे।
लेखांकन के लाभ (Benefits of Accounting)
व्यापारी के लिए लेखांकन के 8 लाभ निम्न प्रकार से है :-
1. व्यवसाय में प्रतिदिन होने वाले लेन-देन
को याद रखना एक व्यापारी के लिए बड़ी मुश्किल का कार्य होता है। इसलिए व्यापारी
लेखांकन का कार्य सुचारू रूप से करता है। ताकी आवश्यकता पढ़ने पर लेन-देन का ज्ञान
तुरंत हो सके।
2. आज देश मे Tax सिस्टम में प्रतिदिन हो रहे बदलाव जैसे – GST, Income Tax आदि। के कारण व्यवसायी Tax का निर्धारण ठीक से नहीं कर पाता है। इसलिए
व्यवसायी अपने अपने लेखा पुस्तकों के आधार पर Tax का निर्धारण आसानी
से कर सकता है।
3. यदि व्यवसायी अपनी
लेखा पुस्तकों को उचित और नियमानुसार रखता है। तो जरूरत पढ़ने पर इन्हें न्यायालय
में सबूत के रूप मे प्रस्तुत कर सकता है। जैसे – यदि कोई पार्टी रुपये देने से मना
करती है। तो उस पर लेखा पुस्तकों के आधार पर दावा किया जा सकता है।
4. प्रत्येक व्यवसायी को अपने व्यवसाय में कई
व्यवसायिक निर्णय लेने होते हैं। और यदि वह लेखांकन का कार्य सही ढंग से करता है।
तो वह तुरंत निर्णय ले सकता है। क्योंकि लेखांकन के अन्तर्गत व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता, आर्थिक
चिट्ठा तैयार किया जाता है।
5. लेखांकन के द्वारा
व्यवसायी अपने व्यवसाय में होने वाले माल क्रय-विक्रय की जानकारी आसानी से प्रात
कर सकता है। साथ ही चालू वर्ष के क्रय-विक्रय की तुलना पिछले वर्ष के क्रय-विक्रय
से कर सकता है।
6. लेखांकन से व्यवसायी
को ऋणो की वसूली करने मे भी सुविधा होती है। क्योंकि लेखांकन के अंतर्गत आर्थिक
चिट्ठा (Balance Sheet) तैयार किया जाता है। जिससे समस्त देनदारो की पूरी जानकारी
प्राप्त हो जाती है।
7. लेखांकन से
कर्मचारियों पर भी नियन्त्रण किया जा सकता है। अर्थात यदि लेखांकन का कार्य
व्यवस्थित और तिथि अनुसार किया जाए तो व्यवसाय मे होने वाली अशुद्धि, गबन, छलकपट आदि पर
नियंत्रण किया जा सकता है। तथा दोषी कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जा
सकती है।
8. आज प्रत्येक
व्यवसायी अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहता है। और इसके लिए अत्यधिक धन की आवश्यकता होती
है। ऐसे में व्यवसायी अपने खाता – पत्र, आर्थिक चिठ्ठा आदि
को बैंक में दिखा कर आसानी से लोन ले सकता है और अपने व्यवसाय को बढ़ा सकता है.
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अंत में
आशा है की पूरी पोस्ट पढने के बाद आपको यह ज्ञात हो गया होगा की किसी
भी व्यवसाय के लिए लेखांकन (एकाउंटिंग) करना कितना आवश्यक है.
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