पिछले कई सालो से कम्प्युटर विज्ञान मे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence, AI) पर चर्चा हो रही थी। साथ ही साथ विश्व में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, इस तकनीक को और अधिक कारगार बनाने के लिए दुनिया भर के तमाम कम्प्युटर इंजीनियर काम कर रहे है।
आज की पोस्ट मे हम आपको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में बताएंगे कि यह प्रणाली क्या है, कैसे काम करती है और इसके फायदे एवं नुकसान क्या है, तो सब कुछ जानने के लिए पूरी पोस्ट को अंत तक जरूर पढे...
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Toggleक्या है Artificial intelligence(AI)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कंप्यूटर को इंसानों की तरह व्यवहार व कार्य करने की धारणा पर आधारित है। इसके जनक जॉन मैकार्थी हैं। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
या यह कहे की आर्टिफिशियल इटेलिजेंस (Artificial intelligence) दुनिया की श्रेष्ठ तकनीकों में से एक है। यह दो शब्दों आर्टिफिशियल और इंटेलिजेंस से मिलकर बनी है। इसका अर्थ है “मानव निर्मित सोच शक्ति”। इस तकनीक की सहायता से ऐसा सिस्टम तैयार किया जा सकता है, जो मानव बुद्धिमत्ता यानी इंटेलिजेंस के बराबर होगा। यह तकनीक खुद सोचने, समझने और कार्य करने में एक बुद्धिमान मनुष्य की भाति सक्षम है।
Artificial intelligence (AI) का जन्म
सन 1955 में जॉन मेकार्थी ने आधिकारिक तौर पर इस तकनीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का नाम दिया। आपको बता दें कि जॉन मेकार्थी अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे। मशीनों को स्मार्ट बनाने के लिए उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को परिभाषित किया था।
कैसे काम करती है Artificial intelligence
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग का एक भाग है। इस तकनीक का सपोर्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में दिया जाता है, ताकि एल्गोरिदम को आसानी से समझा जा सकता है। AI किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का पर्याय नहीं है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तीन स्किल पर काम करती है
1. लर्निंग प्रोसेस :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा प्राप्त करने और इसे योग्य जानकारी में बदलने के लिए नियम बनाने
पर केंद्रित है। इन्हें एल्गोरिदम कहा जाता है। ये एल्गोरिदम कंप्यूटर सिस्टम को कार्य पूरा करने में मदद करते हैं।
2. रीजनिंग प्रोसेस :- इस स्किल के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वांछित परिणाम तक पहुंचने के लिए सही एल्गोरिदम का
चुनाव करती है।
3. सेल्फ-करेक्शन प्रोसेस :– इस स्किल के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम को अपने-आप ठीक करती है, ताकि यूजर्स को सटीक परिणाम मिल सकें।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार (Type of AI)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं पहला Weak AI, दूसरा Strong AI और तीसरा Super AI है.
1. Weak Artificial intelligence
इसमें सोचने, समझने की क्षमता कुछ सिमित कार्यो तक ही होती है। इसलिए ये अपने आप को डिवेलप या अपग्रेड भी नहीं कर सकते । क्योकि इसे जिन कार्य के लिए बनाया जाता है ये सिर्फ उन्ही कार्यो को कर सकता है। इसलिए Weak AI एक बार में सिर्फ एक ही कार्य कर सकता है।
2. Strong Artificial intelligence
अब तक Strong AI की केवल कल्पना ही की गई है। फिलहाल यह दुनिया के किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में मौजूद नहीं है।
वैज्ञानिको की मानें तो Strong AI मनुष्य की तरह सोचने, समझने, सीखने तथा एक साथ विभिन्न प्रकार के कार्यो को
करने में सक्षम होगा। Strong AI खुद अपने आप को अपग्रेड और डेवलप भी कर सकेगा। Strong AI को ही आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस भी कहा जाता है।
3. Super Artificial intelligence
Artificial super intelligence की भी अब तक केवल कल्पना की गई है। डेवलपर्स और प्रोग्रामर्स का यह मानना है कि Super AI की सोचने, समझने तथा सीखने की क्षमता मनुष्य के दिमाग के मुकाबले कई गुना अधिक होगी और यह इंसानो से ज्यादा
ताकतवर होगा। इसमें खुद से फैसले लेने की भी काबिलियत होगी। इसलिए यह मनुष्य के लिए खतरा भी बन सकता है।
Artificial intelligence कैसे बनाया जाता है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेवलपर्स और प्रोग्रामर्स के द्वारा बनाया जाता है इसे बहुत सारे कोडिंग और एल्गोरिदम से बनाते
हैं साथ ही बहुत सारे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है खासकर इसमे पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
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Artificial intelligence को कैसे सीखें
आप इंस्टिट्यूट या कॉलेज में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करके AI बनाना सीख सकते हैं। इसके अलावा आप घर पर
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख कर भी AI बना सकते हैं। Basic AI बनाने या सीखने के लिए आप हार्डवेयर कंपोनेंट Adreno का उपयोग कर सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सीखने के लिए आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप होना बहुत जरूरी है।
क्या Artificial intelligence इंसानों के लिए खतरा है
Weak AI इंसानों के लिए बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है क्योंकि हम इसे पूरी तरह से कंट्रोल कर सकते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ Strong AI और Super AI इंसानों के दिमाग से कई गुना ज्यादा सोच सकता है और हो सकता है कि भविष्य में यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो।
Artificial intelligence से होने वाले फायदे (Advatanges)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कई तरह के कामों में किया जाता है और इसके कई फायदे हैं। हालांकि, कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
आइए पहले हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदों के बारे में बात करते हैं:
1. AI को उपयोग करके काम करने की गति बढ़ाई जा सकती है.
2. AI का उपयोग लोगों को अपने कामों में स्वतंत्रता देने में मदद कर सकता है।
3. AI के उपयोग से काम मे निरंतरता आएगी और बिना त्रुटि के काम करने में मदद मिल सकेगी।
4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से देश के मेडिकल सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है। इस तकनीक से एक्सरे रीडिंग जैसे तमाम काम आसान हो जाएंगे। डॉक्टर्स को अनुसंधान में मदद मिलेगी। इतनी ही नहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सकेगा।
5. स्पोर्ट्स के क्षेत्र को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बहुत फायदा होगा। खिलाड़ी इस तकनीक के जरिए अपनी परफॉर्मेंस पर नजर रख सकेंगे। इसके अलावा लोगों को तकनीक से खेल को आसानी से समझने की सुविधा
मिलेगी।
6. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से स्कूल और कॉलेज से लेकर कृषि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को बहुत फायदा होगा.
7. AI का उपयोग सुरक्षा के क्षेत्र में भी किया जा सकता है। यह साइबर हमलों से बचने में मदद कर सकता है।
Artificial intelligence से होने वाले नुकसान (Disadvantages)
1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ेगी, क्योंकि आने वाले वक्त में इंसानों की जगह मशीनों
से काम कराया जाएगा।
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से मानव जाति का अंत हो सकता है, क्योंकि रोबोट्स इस तकनीक के जरिए अपने आप को विकसित करके खुद खतरनाक हथियार बना सकते हैं। हालांकि, इस दौर को आने में अभी बहुत समय लगेगा ।
3. AI को हैक करना बहुत मुश्किल नहीं होता है जिस कारण सुरक्षा संबंधी डर हमेशा बना रहेगा।
4. AI के उपयोग का इस्तेमाल दुरुपयोग के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में फैलते हुए असंगठित जानकारी का इस्तेमाल इन्हें आपस में लड़ाई और भ्रमात्मक तथ्यों को फैलाने के लिए किया जाता है।
जाने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के जीवन, और सफलता की पूरी कहानी।
अंत मे,
कुल मिलाकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जीवन के वर्तमान और भविष्य के लिए बेहद फायदेमंद और आवश्यक हो चुका है. इसका इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए, उद्योग, चिकित्सा के साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं. हालांकि इसके कुछ नुकसान जरूर है, लेकिन ये इसके फायदों की तुलना में बेहद कम हैं और भविष्य में संभव है कि AI के नुकसानों का समाधान भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से निकाला जा सके.
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